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                           षोडश-स कारम - नाटकम्
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                             (सोलह स कार नाटक)
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             ्
          नाटयसार
          यह नाटक मानव जीवन क े  सोलह सं कार  पर आधा रत ह। ै  सोलह सं कार इस  कार
         ह-
          1. गभा धान             2. पंसवन             3. सीम तो नयन
                                    ु
          4. जातकम               5. नामकरण            6. िन  मण

          7. अ न ाशन             8. म डन              9. कण वेध
                                    ु
          10. अ रार भ            11. उपनयन            12.वेदार भ
          13. क े शा त           14. समावत न          15. िववाह

          16.अ  येषिट ्


          इन सोलह सं कार  से मन य मा  का जीवन या च र  सं का रत होता ह। ै  गभा धान से
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         ज म, ज म से मरण िफर पनज  म का च  चलता रहता ह। ै
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          इस नाटक म  सोलह सं कार  क  जानकारी ग  िश य क े  कथोपकथन क े  मा यम से दी
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         गई ह। ै  साथ ही इन आचार  क   ि या को समझाया गया ह। ै  जस ै े गभ धान, गभ  म  प च
         त व  से शरीर का िनमा ण-  य आधिनक उपकरण  से दश क को िदखाया गया ह। ै  इस
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          कार  मशः १६ सं कार  को सरल सगम सबोध रीित से जन-मानस तक पह ँचाया गया
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         ह। ै
          इस सं कार   य को रोचक एवं आ मसात करने क े  िलए  देश क े  िविभ न लोक गीत
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         का समावेश िकया गया ह। ै  जस ै े – ब देली, भोजपरी, पंजाबी, ह रयाणवी, बघेली लोक धन
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         से गाया जाता ह। ै  साथ ही सं कत क े  म   उपिनषद वा य  का भी  योग िकया गया ह। ै
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          अ त,  ीनाटयम (The Group of Sanskrit Drama) का  यास ह  ैिक, नाटक क े
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         ज रए  जनता  सरलता  से,  अनायास  से  सं कत,   सं कार,   भारतीयता  एवम  ्
         आ याि मकता को जाने और समझे।
                                    !!! इित शम !!!
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                                                         ×ãUçáü-Â̆ÁçÜ-â´S·¤ëÌ-â´SÍæÙ×÷,
                                                            ׊ØÂýÎðàæÑ, ÖæðÂæÜ×÷
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