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सोलह स कार
                                          ं
                                     अथ ना दी
                            ीनाटय रिचत मद े तव रम!े  रङग थलीय धरा
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                                  च  ाका विप त  काशनरौ राि ः पटा ेिपनी।
                           सोऽह चा य िनदशे को नन जगन - म चऽे िप त मि चतं
                                              ्
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                                  जीवै र यितहषप   रतमनाः पायात  भः पावनः।।
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                                                        ु
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     [ ह े ल मी ! म   ने इस जगत  पी  ीनाटयम क  रचना आप क   स नता के  िलए क  ह,ै  इस  ीनाटयम म   यह प वी ही
                             ् ्
                                                                ् ्
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     रग थली ह,ै  सय  और च  मा इस रग थली को िन य  कािशत कर रह ेह,   राि  नाटया तर के  समय पटा ेप (पदा  िगराना) म
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     सल न ह।ै  म   वय इस का िनदश  क ह ,ँ  िफर भी ससार के  लोग  ने मरे े जगत मच पर नाटय मच बनाकर कई नाटक  का मचन कर
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                                                     ्
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     िदया” इस तरह हष  से पण  मन वाले भगवान िव ण सब क  र ा कर ।।]
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     (ओकार का उ चारण करते ह ये ग  और झोले म   लडड ढढते ह ये दो िश य  का  वेश)
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     ग  –           (ग से म)    ओम.................
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     िश य –         नमः िशवाय
     ग  –           अरे द   ! स दय दशक   आ गये ह।    णाम करो।
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     िश य –         (हाथ  को उठाकर Hello   करते ह।  )
     ग  -           No Modernism, Proper Pranam
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     िश य –         (सा ाङग  णाम करते ह)
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     ग  –           अरे! स कत नाटक ह ैये, नाटयशा ीय  म ा म  अिभवादन करो।
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     िश य –         (टेड़े मड़े े होकर  णाम करते ह)
     ग  –           (दोन  को मारते ह ये) तम जैसे धत  के  कारण ही भारतीय स कित और स यता का पतन होता जा
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                    रहा ह।ै
     िश य 1–         या पतन हो गया ?
     िश य 2–         य  हो गया ?
     िश य 1–        हमन   या िकया ह ै ?
     िश य 2–        आप ऐसा  य  कह रह े ह   ?
     िश य –          या... य  ...... या ........  य ......कै से ?
     ग  –           चप हो जाओ,  या... य  ...... या ........  य ....., िजस िदन से  तम दोन  का भार ढो रहा ह  ँ
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                 उस िदन से    मरे ा जीवन क  द हो गया ह।ै  परा िदन त हारे  यथ      के  उ र दते े दते े परेशान
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                                                   ु
                 हो गया ह ।ँ
                 (दोन  िश य रोने लगते ह)
                 इसीिलए मनै े इसका नाम  या और इसका  य  रख िदया ह।ै  ओ फ............ म   आप लोग  के
                 सामने अपना दखड़ा  य  रो रहा ह  ँ ? I am sorry, No Personal talk, हम यहाँ नाटक करने के
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                 िलये आये ह।   तो हमारे भारतीय स कित म   सोलह स कार ............
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     िश य–          सोलह स कार नह  ग जी, सोलह J`axkj ...
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                   इक चतर नार कर के   ..। (नाचने लगते)
     ग –            अरे ..मख ! तमने कभी ये स कार श द सना ह ै ?
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     िश य –         सना ह ै ना ग जी .. अि तम स कार।
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                       'राम नाम स य ह'ै, 'राम नाम स य ह'ै।
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