Page 13 - Book.cdr
P. 13
ग – ओहो ..........िशव... िशव.. िशव... मगलाचरण के समय इतना अमगल.....आप ही बताइये महाशय । म
ं
ं
ु
सोलह स कार यह नाटक आप लोग को िदखलाऊँ या इन धत को स कार िसखाऊँ ?
ं
ू
ं
िश य 1– आप या बोल रह े ह ?
िश य 2– ऐसा य बोल रह े ह ?
िश य 1– आप या श करने वाले ह ?
ु
िश य - या... य ,... या.. य ....
ग – (दोन का महँ ब द करते ह ये) हाँ तो म यह बता रहा था िक, सोलह स कार के अ तग त थम स कार ह ै ..
ु
ु
ं
ं
”गभा धान स कार”
ं
िश य – या या गरबा ...? (दोन नाचने लगते ह)
ु
ग – अरे िशव.. िशव.. िशव मख ! गरबा नह , गभ गभ (पेट बताते ह ये )
ू
िश य – अ छा गभ। (गभव ती का अिभनय करता ह ै )
िश य 1– गभ या होता ह ै ग जी ?
ु
िश य 2– य होता ह ै ग जी ?
ु
िश य 1– कै से होता ह ै ग जी ?
ु
ग - (दोन को बगल म दबाकर,महँ ब द करते ह ये)
ु
ु
ओम! गभा धान स कार। यह स कार स तानो पि क कामना से होता ह,ै शभ मह त म दवे का पजन
ं
ं
ू
्
ु
ु
करके द पि राि म स भोग करते ह। ( ी प ष का समागम सनकर दोन िश य ग के पास बैठ जाते ह)
ु
ु
ु
िश य – ग जी हमारा भी गभा धान स कार क िजये ना...
ु
ं
ग – अरे तम दोन का तो म अि तम स कार क ँ गा। तो लीिजये तत ह ै “गभा धान स कार”।
ु
ं
ु
ं
ु
(िनकल जाते ह)
1. गभा धान स कार
ं
( य) (नेप य- ज दी करो.. ज दी करो, नई बह आ रही ह,ै दौरा लाओ, पजन क थाली लाओ। गाना बजाना
ू
श करो।)
ु
(गीत)
नाका चलना ओ बिचआ नाका चलना िक
ु
जैसे बँसवा नवेला ओईसे नाका चलना।
कै से नोई ना सासजी कै से नोई ना
ु
हमर िपताजी के पोसल दिे हया नभ लोना जाय - - चाचाजी - -भयै ा जी - ।।
(सक पािद, प चतत व का समावेश य)
्
ं
11