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3. िहर यके िशकग स म- १. उपनयन, २. वेदार भ, ३. समावत न, ४. िववाह, ५. चतथ कम, ६.
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सीम तो नयन, ७. पसवन, ८. जातकम, ९. चडाकम, १०. गोदान।
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4. मानवग स म- १. िववाह, २. गभध ान, ३. सीम तो नय, ४. पसवन, ५. जातकम, ६. नामकरण, ७.
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िन मण, ८. अ न ाशन, ९. चडाकम, १०. के शा त, ११. उपनयन, १२. वेदार भ, १३. समावत न।
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5. गोिभलग स म – १. िववाह, २. गभा धान, ३. पसवन, ४. सी तकरण, ५. जातकम, ६. िन मण, ७.
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नामधये करण, ८. चडाकम, ९. उपनयन, १०. वेदार भ, ११. गोदान, १२. समावत न।
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6. जैिमनीग स म- १. िववाह, २. गभा धान, ३. पसवन, ४. सीम तोनयन, ५. जातकम, ६. नामकम, ७.
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ाशनकम, ८. चौलकम, ९. उपनयन, १०. गोदान, ११. समावत न।
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7. खािदरग स म- १. िववाह, २. गभा धान, ३. पसवन, ४. सीम तो नयन, ५. सो य ती होम (जातकम) , ६.
िन मण, ७. नामकरण, ८. चौल, ९. उपनयन, १०. वेदार भ, ११. गोदान।
8. कौिशकस म- १. िववाह, २. चतथ कम, ३. नामकरण, ४. अ न ाशन, ५. िनणय न (िन मण), ६. गोदान,
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७. चडाकरण, ८. उपनयन, ९. वेदार भ, १०. िपतमधे (अ येि )।
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9. गोपथ ा णम- १. गभा धान, २. पसवन, ३. सीम तो नयन, ४. जातकम, ५. नामकरण, ६. िन मण, ७.
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अ न ाशन, ८. गोदान, ९. चडाकरण, १०. उपनयन, ११. आ लावन (समावत न)।
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10. मन मित- १. गभा धान, २. जातकम, ३. नामकरण, ४. िन मण, ५. अ न ाशन, ६. चडाकम, ७. उपनयन, ८.
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के शआ त, ९. वेदार भ, १०. समावत न, ११. िववाह, १२. वान थ, १३. स यास, १४. अ येि ।
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िवषय वेश
य िप उपय त सि िववेचन के अनसार स कार क स या १४ से अिधक नह ह।ै तथािप गहन-साि वक-
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िच तन के फल व प आचाय ारा िह द-जीवन-प ित म षोडश (सोलह) स कार वित त ह ए, िजनक नाम तािलका
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िन निलिखत कार से हःै -
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१. गभा धानम, ् २. पसवनम, ् ३. सीम तो नयनम, ४.
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जातकम स कार,
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५. नामकरणम, ् ६. िन मण स कारः, ७. अ न ाशन स कारः, ८.
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चडाकम स कारः,
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९. कणव ेध स कार, १०. उपनयन स कारः, ११. वेदार भ स कारः, १२. समावत नस कार
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१३. िववाह स कारः, १४. वान था म स कार, १५. स यासा म स कार, १६.अ येि कम
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उपय सोलह स कार अ य त ाचीनकाल से हमारे वैयि क, पा रवा रक, सामािजक एवम रा ीय जीवन क
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आधारिशला रह ेह, और यह कथन अितरि जत न होगा िक जब तक इन स कार का िवधान हमारे जीवन म च रताथ रहा,
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हमारा दशे अपनी सा कितक ग रमा एवम नैितकता से उ च आदश से ओत ोत उ क ता के कारण जग के महनीय
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िसहासन को अलकत करता रहा, िक त काल म से य ही इन स कार का ढाँचा चरमराने लगा, य ही वह पतनो मख ु
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होता िदखायी दने े लगा ह।ै
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