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स कार प रचय
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इन स कार का सि Lo:i प रचय िन निलिखत कार से हःै -
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1. गभा धानः िववाह के प ात स तान ाि के िलए गभा धान स कार का िवधान ह।ै यह एक कार का वैवािहक
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य ह।ै यह गभा धान से पव ऋतकाल होने से उसके चौथे िदन िविधपव क िकया जाता ह।ै य -समाि पर पित-
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पि न के िलए ई र से ाथ ना करता ह-ै “धाता गभद धात ते” अथा त- िवधाता त हारे गभ क र ा करे अथवा
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परम े र त ह गभध ारण के यो य बनावे।
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2. पसवनः- यह स कार प ाि क इ छा का ोतक ह।ै गभा धान (गभ ि थित) के ततीय या चतथ मास म इसके
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स पादन का िवधान ह।ै यह स कार प ाि के िवशषे उ े य से िकया जाता ह।ै
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3. सीम तो नयनः- यह स कार माता के गभध ारण क सचना दते ा ह।ै यह के वल थम बार गभध ारण के समय ही
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िकया जाता ह-ै ऐसा कछ िव ान का मत ह ै “सीम तो नयन” का शाि दक अथ ह-ै के श का गार करना। यह
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ायः गभा व था के पाँचवे मास म होता ह।ै इस अवसर पर प नी को गलर क माला धारण कराने का िवधान ह।ै
4. जातकम ः बालक के ज म के प ात उसक र ाथ यह स कार िकया जाता ह।ै इसम य के समय िपता बालक
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के वा य के िलए ई र से ाथ ना करता ह।ै िशश को नान कराया जाता ह ै और उसे मध, घत तथा माता का
द ध िपलाया जाता ह।ै
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5. नामकरणः इस स कार का स ब ध िशश का नाम रखने से ह।ै परोिहत बालक क ज मरािश के अनसार उसका
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नाम-िनधा रण करता ह।ै बालक का नाम दो या चार अ र वाला होना चािहए, इसी कार क या का नाम तीन
अ र वाला होना चािहए। व , नदी, लता आिद के नाम पर क या का नाम नह रखना चािहए, इस स कार म
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हवन आिद भी िकया जाता ह।ै
6. िन मणः इस ससार म िशश को सितकागह अथवा घर से बाहर िनकाला जाता ह ैदो-तीन मास म जब बालक
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वाय आद ेके बा भाव को सह लेने यो य हो जाता ह,ै तब उसे बाहर ले जाते ह, वा य – ि से इस स कार
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का बड़ा मह व ह।ै इसम सय -दवे ता से बालक क ि शि को उ म बनाये रखने क ाथ ना क जाती ह।ै
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7. अ न- ाशनः ज म से छह मास के प ात दाँत िनकलते समय ब च े को अ न िखलाना ार भ इस स कार म
िकया जाता ह।ै इसम दही, मध, घत तथा भात ब च ेको चटाया जाता ह।ै इस स कार का उ े य बालक के दाँत
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तथा पाचन ि या क दखे भाल करना ह।ै इस स कार के प ात उसे थोड़ा-थोड़ा अ न दने ा ार भ िकया जाता ह।ै
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1. चडाकम ः इसम बालक के के श को काटने तथा िशखा मा (के वल चोटी) रखने का िवधान ह।ै आजकल इसे
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म डन-स कार कहते ह। इसका स ब ध बालक के मि त क िवकास से ह।ै चोटी रखने का िवधान वै ािनक
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मह व का ह।ै बाल काटने के प ात बालक के म तक पर नवनीतलेपन अथा त म खन लगाने व तदन तर नान
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कराने का िवधान ह।ै इसम पहले य होता ह,ै तदन तर बाल काटे जाते ह। इसका समय ज म से थम अथवा
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ततीय वष ह।ै कटे ह ए बाल को गोबर म रखकर उ ह िकसी नदी या तालाब म छोड़ िदया जाता ह।ै
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