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11. उपनयन स कार
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ग – अब अगला स कार ह ै......
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या– उपनयन स कार।
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ग – (िश य को दखे ते ह ये) उपनयन अथा त .... ्
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या– ग के समीप जाना।
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न त तिम याह ः, चय तो मम। ्
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ऊ व रेता भवेत य त स दवे ो न त मानषः।।
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(उपनयन स कार य)
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(व धारण/पादकाधारण/पाद ालनम/य ोपवीतधारण)
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म ो चारण –
अ ान-ितिमरा ध य ाना जन-शलाकया।
च ि मिलत येन त मै ीगरवे नमः।।
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य ोपवीत परम पिव , जापतेय त सहज पर तात। ्
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आय यम ितम च श य ोपवीत बलम त तेजः।।
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(गाय ीम /िभ ाटन भवित! िभ ा दिे ह)
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(गीत)
जौ ना बने िसिखय न डोला ले मगछाला . . .
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आज हमरा ब आ के जनेऊआ होख े ला . . .
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12. वेदार भ स कार
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( य, गीत)
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(अइउण ऋलक एओङ ऐऔच हयवरट लण ञमङणनम झभञ घढधश जबगडदश खफछठथचटतव कपय शषसर ्
हल) ्
िवशित ग ः, सह शीषा प षः(वेदपाठ)
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िश य 1– वेद या होते ह ग जी?
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ग – इ क ाि और अिन का प रहार करने के िलये जो अलौिकक उपाय बतलाता ह ैवह वेद ह।ै अपौ षये वा य
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वेद ह।
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िश य 2– भगवन वेद के अङग िकतने ह ?
ग – िश ा-क प- याकरण-िन - येितष-छ द ये छह वेदाङग ह।
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िश य 3– ीमन ! स कार या ह ै?
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ग – स यक आचरण ही स कार ह,ै मानव जीवन के िनमा ण म स कार का बड़ा महत व ह।ै
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ज मना जायते श ः कमण ा ि ज उ यते।
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िश य 4- भगवन ! वेदा ययन के प ात कौन Lkk स कार होता ह ै?
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ग – व स ! बारह वष तक वेदा ययन होता ह ैआज कल के यग म नातको र अथा त P.G. तक अ ययन होता ह।ै
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( य - वेदार भ स कार क समाि )
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इसके बाद के शा त स कार होता ह।ै
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