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ग -            जलडालने के  िलये क या के  भाई को बलाइये।
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     नटी–    भाई भाई-अरे ! स दर...काल....लखन....
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     ग –    अरे !अरे वो तो दशक   ह  क या के  भाई नह ।
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     नटी 2–   भाई कहाँ से लाये पि डत जी, नाटक म  िजतने ह,   सब मच पर ही ह।
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     ग –    अरे.. यहाँ.. कशीलव ह.  ... पा  ह।   bu~ ह  बीच कोई भाई दखे  लो।
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      या–    अरे  य  ......
      य -    हाँ भाई।
     सिखयाँ– भईया.....। यही हमारे  भईया बन गे।
      य –    (ग से म,  िचढते ह ये) म  नह  बनँगा, म  सगीत क ँ , म  ही बजाऊँ , इस बढढे का मार भी सह ।ँ नह  नह  eaS भाई-वाई
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                 नह  बनगा। ंू
     ग –    अरे ब चा ! क यादान महाप य का काय  ह।ै  प य शािलय  को ही ऐसा सौभा य  ा  होता ह।ै
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      य –    अ छा ग जी।तो यह क यादान ह ै या ?
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     ग –    सनो ब चा..
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      य -     ऐसे नह  ग जी, सगीत के  साथ सनाइये।
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     ग -     ीिण दानािन लोके ि मन  धानािन वदि त वै।
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            क यादान च भदान िव ादान तथैव च।।
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     (इस लोक म  तीन  कार के  दान  धान होते ह  – क यादान, भदान और िव ादान।) समझ।े
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                    ( ि थब धन/पादपजन/पािण हण/हाथ पीले/िशलारोहण/लाजा होम)
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            म  ः –   ओम,  ्
                मम  ते ते  दय दधात, मम िच मनिच  तेऽ त।  ु
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                मम वाचमेकमनाजष व,  जापित  वा िनयन  म म।। ्
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     ग –    उठो बालक! अि न क   दि णा करो।धम-  अथ -काम और मो  के  िनिम  चार प र मा करनी चािहये,  थम
      ु
                 तीन प र मा म  प नी आगे रहगे ी, चौथी मो  क  प र मा म  पित आगे होगा, बाक  लोग स पदी (सात
                 वचन ) का गायन कर गे।
                                     (स पदी)
     मिहलाः-   तीथ  तो ापनय दान  ं
                      मया सह  व यिद का त कया ः।
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                 वामाङगमायािम तदा  वदीय  ं
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                      जगाद वा य  थम कमारी।।
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     प षाः-  मदीयिच ानगत च िच , ं
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                           सदा मदा ा प रपालन च।
                 पित ता धमप  रायणा  व, ं
                      dq;kZ% सदा सव िमम  य नम।। ्
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     मिहलाः-  न सेवनीया परपारक या
                       वया भवो ािवनी कािमनीित।
                 वामाङगमायािम तदा  वदीय  ं
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                      जगाद क या वचन च स मम।। ्
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