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9. कण वेध स कार
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ग – अरे अब इस बालक का कणव ेध स कार होगा इसिलये वणक ार को बलवाइये।
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नाई– ीमान ! कणव ेध तो eSa अ छी तरह से जानता ह ।ँ म तो ज मना वणक ार ह ,ँ इसिलये कणव ेध तो म ही कर दगँ ा। ू
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या– य रे! सब त ही करेगा ? कणव ेध तो म ही क ँ गा।
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नािपत– ओए... जो िमलेगा, तेरा आधा और मरे ा आधा, ठीक ह।ै
ग – अरे जो िजस का काय ह ैवह उसी को शोभा दते ा ह।ै
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ग – कणव ेध ार भ क िजये।
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या– ग जी िकतना कोमल कान ह ै........
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ग – अरे ब चा कणव ेध करने से बालक म नपसकता का नाश होता ह,ै “हारिनया” का भी और क याओ का
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कणव ेध करने से व य व स तानहीनता का नाश होता ह,ै समझा (नािपत को दखे कर) कणव ेध स प न
ह आ या ?
नाई– जी महाराज।
10. अ रार भ स कार (िव ार भ)
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ग – अ छा अब इस बालक का अ रार भ स कार होगा।
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नटी 1- ये या पि डत जी ऐसा भी कभी होता ह ै या ?
नटी 2– अ रार भ तो पाँच वष के बालक का होता ह।ै
नटी 3– सब कछ या इसी बालक का कर दग े पि डत जी ?
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नटी 4– नह नह भगवन, जब यह बालक पाँच वष का हो जायेगा तभी हम आय गे।
ग – अरे ! तब तक,पाँच वष तक या ये दशक यह बैठे रहग े ? िकये िकये सिनये तो सही।
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( य सब को रोकता ह)ै
या– ग जी ! ये मिहलाय ठीक कह रह ह।
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ग – अ छा ! य रे .. तमने कछ पढा िलखा ह ैिक नह ।
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य – हाँ महाराज i<+k ह ।ँ
ग – कहाँ तक ?
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य – दोपहर तक।
ग – और तम ? ु
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या– म ....म ...... नह नह इस बार म कछ नही बनँगा। ू
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पहले मझ े ण बना िदया अब मरे ा अ रार भ भी कर गे? नह नह म कछ नह क ँगा। म तो प चीस वष का ह ।ँ
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ग – अरे प चीस वष का होते ह ये भी तेरी बि तो मा पाँच वष क ही ह ै( ओले ओले.......)
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ी– ग जी इस ब च ेका या कर िफर ?
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ग – इसे मझ ेद ेदो। िकतना स दर व चा ह।ै
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( य –अ रार भ स कार, का -पाटी और मोर पख से बालक का हाथ पकड़ कर िलखवाते ह)
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ी गणशे ाय नमः, सर व यै नमः, कलदवे ताय नमः, ी ग यो नमः,वासदवे ाय नमः,ओम नमः िस म। ्
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