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(गीत)
ी रघवर कोमल कलमनयन को पहनाओ जयमाला,
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तम पहनाओ जयमाला, ये प य eqgwjr, विणम अवसर
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िफर नह आने वाला, तम पहनाओ जयमाला, सखी पहनाओ वरमाला।।
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(िवदाई य) (गीत)
साडडा fpfM+;k¡ दा च बा वे बाबल असा उड़ जाँणा,
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मार ल बी उड़ारी वे पता नी के ण ेदशे जाणा
साडडा िचिड़याँ ........
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य – बस क िजये ग जी! बजाते ही रहग े या ? मरे ा समावत न स कार के बाद या सीधे
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म य ही होगी ?
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ग - या रे चारी! या ह आ?
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य - आप का यान मरे े पर नह ह।ै
ग - ु य , या ह आ ?
य – ग जी मरे ा भी िववाह स कार करवाइये ना।
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ग - अरे ब चा! अभी तम उस यो य नह हो।
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य - (आ य से) या...........
ग - अ..vFkkZr~ त हारा मि त क िववाह यो य नह ह।ै
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य – नह नह ग जी..पिछये आप या पछना ह?ै
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ग – अ छा तो बता- म य या ह?ै
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य – (स वर)
वासािस जीणा िन यथा िवहाय नवािन ग ाित नवोऽपरािण।
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तथा शरीरािण िवहाय जीणा - य यािन- सयाित नवािन दहे ी।।
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ग - ु बह त अ छा बालक।
य – (शमा ते ह ये) अब करवाईये मरे ा िववाह।
ग - अरे अभी एक स कार का दशन करना बाक ह ैब चा..
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16. अ येि स कार
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य - (आ य से) म य...........वो भी मच पर, दशक दखे ग े., नाटयशा के िनयम.. (िशव, िशव, िशव)।
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ग - व स! म य स कार परम पिव ह।ै जीवन एक च के समान प रवित त होता ह।ै
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जात य िह वो म यः व ज म मत य च।
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िजसका ज म ह आ ह ैउसक म य िनि त ह।ै बालक, िफर भी मो क ाि ही जीवन क परम योजन
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ह।ै अिभनय के मा यम से vkRek ijekRek के िमलन को िदखलाते ह।
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