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13. के शा त स कार
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िश य– (शका करते ह ए) ीमान, ये के शा त या ह?ै या िफर से मरे ा भी के शा त होगा?
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ग – नह नह व स, चौलकम या म डन स कार म तो के वल म तक के के श का म डन होता ह।ै इस
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के शा त स कार म तो म डन के साथ साथ पहली बार दाढी मछ आिद का भी म डन होता ह।ै
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िश य– इस से भला या लाभ ह?ै
ग – इस से स का रत लोग के वा य स ब धी बाधाओ का िवनाश होता ह।ै
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अब उठो ब चा, त हारा समावत न िकया जाएगा।
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14. समावत न स कार
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(समावत न य)
(फल से अिभषके , नवीन व धारण, िश ोपिनषद आिद )
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वेदमन याय तेवािसनमनशाि त। स य वद। धम चर। Lok/;ku~ मा मदः। आचाया य ि य धनमा य जात त मा ु
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यव छे सीः। स या न मिदत यम। कशला न मिदत यम। भ यै न मिदत यम। वा याय वचना या न मिदत यम। ्
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दवे िपतकाया या न मिदत यम। मातदवे ो भव।िपतदवे ो भव। आचाय दवे ो भव। अितिथदवे ो भव। या यनव ािन कमा िण
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तािन सेिवत यािन। नो इतरािण। या य माक सच रतािन तािन वयोपा यािन।।
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ग - व स! अब तम गह थ आ म म वेश करने यो य हो गये हो गह थ आ म क कोई िज ासा अगर मन म ह ैतो
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िनःसकोच पँछो। ू
िश य– भगवन! गहि थय का परम कत य या ह।ै
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ग – सान द सदन सता सिधयः,का ता न दभा िषणी
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सि म सधन वयोिषित रित ा ापराः सेवकाः।
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आित य भपजन ितिदन िम ा नपान गह,े ृ ं
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साधोः सङगमपासते िह सतत ध यो गह था मः।।
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15. िववाह स कार
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(िववाह- य) (गीत)
सोणा वटना म न मलना, य किड़ये त य न मलना।
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बावला वर ए हो जा कोई ितगणा म uk ikoS,
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p<+ कोठे पे वेखन लिगया तेन रड़का vkoS,
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के िजस मर ा तेन चरा ys;k वे,
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fdlh ने सतड़ा जगा ys;k वे
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िक गिड़या चढ दा उतरा ys;k वै।।
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[चटर मटर का मरे ा घाघरा, गेह दाना क चदड़ी
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मिटयाले रग का, मिटयाले रग का कता ,
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मरे ा िझलिमल –िझलिमल गात करै।
तात पानी सीड़ा हो गया, आजा ने गोरी नहाव गे
म ैराम क lq , eSa राम क lq गोरी, मरे े हाये कारे हो जाय गे।।
रोटी /kjh ls मजै पै आजा us गोरी खाव गे। म राम क lq
म राम क lq गोरी, मरे े खाये माड़े हो जाय गे।।]
(बारातआगमन/ वागत/ ारपजन/मधपक /क या वेश/ पािण हण/ क या दान/सक पािद)
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